
नेपाल में हाल ही में युवा पीढ़ी, खासकर Gen Z ने भ्रष्टाचार, सोशल मीडिया बंदी, और राजनीतिक परिवारवाद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किए।
🌐 राजनीतिक हलचल और नया नेतृत्व
इन प्रदर्शनों के बाद पूर्व चीफ जस्टिस सुशिला कार्की को अस्थायी प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है, नेपाल की पहली महिला पीएम बनने का गौरव उनके नाम जुड़ा है।
संसद को भंग कर दिया गया है, और ताजा चुनाव की तारीख 5 मार्च 2026 तय की गई है।
💔 हिंसा और आघात
विरोधों की लहर में हिंसा बढ़ी; अस्पतालों में सौ से अधिक घायलों की संख्या दर्ज हो चुकी है। मरने वालों में प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी दोनों शामिल हैं।
सरकार ने आंशिक आपातकाल लागू किया, सुरक्षा बलों को तैनात किया गया, और कई स्थानों पर कर्फ्यू भी लगा।
🔒 आम रोज़मर्रा पर असर
लगातार रहने वाले विरोधों और सरकारी कार्रवाई के कारण सामन्य जीवन में बाधाएं बढ़ी हैं: व्यापार प्रभावित हुआ, सामग्री की आपूर्ति रुकीं, और लोगों की आवाजाही में कठिनाई आई।
पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह झटका खाने को मिला है। प्रमुख पर्यटन क्षेत्र जैसे थमेल में पर्यटकों की संख्या में गिरावट हुई है।
🌟 किन्हें उम्मीद है?
सुशिला कार्की से आस है कि वह सरकार में पारदर्शिता बढ़ाएँगी, भ्रष्टाचार का सख्ती से सामना करेंगी और युवाओं की उम्मीदें पूरी करेंगी।
विरोधों के बाद सरकार ने कुछ सामाजिक और आर्थिक राहत के उपाय शुरू करने की दिशा में संकेत दिए हैं, जिससे प्रभावित इलाकों में स्थिति सुधारने की उम्मीद है।
